Priyanka Verma

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लेखनी - हसीं यादें

        हसीं यादें


यादें तभी हसीं होती हैं,
जब हर रिश्ते में प्यार को जगह मिलती है,
नही तो कुछ यादें ऐसी होती हैं,
जो बेपनाह दर्द के सिवाय कुछ नहीं देती,

उम्र गुजर जाती है, यादों को सहेजते सहेजते,
अंत में सिर्फ अकेलापन ही नसीब हुआ करता है,
यादों के झरोखों से देखने पर, जिंदगी को,
बीता हुआ कल, आज भी जीने को मन करता है।।

कर्मों से बंधा से मनुष्य, बातें बहुत किया करता है,
पर रिश्ते को निभाने में, और
यादों को बनाने में, गलतियां बहुत किया करता है,

समझ आता ही नहीं उसे, 
कि उसका आज, कल की याद बन जाएगा,
जब भी देखेगा मुड़कर पीछे,
एक लंबा यादों का सफर नज़र आएगा।।


प्रियंका वर्मा
16/7/22

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9 Comments

Shnaya

17-Jul-2022 03:41 PM

बहुत खूब

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Saba Rahman

16-Jul-2022 11:04 PM

Nice

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Reyaan

16-Jul-2022 10:58 PM

बहुत खूब

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